कांग्रेस ने एक ओर जहां ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका को लेकर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की, वहीं उसके ही कुछ दूसरे वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर पार्टी से एकमत नहीं दिख रहे हैं. पंजाब में हुए हालिया विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने 117 में से 77 पर जीत दर्ज कर अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई. ऐसे में कैप्टन ने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंकाओं को खारिज करते हुए दिया कि अगर ईवीएम में गड़बड़ी हुई होती, तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता. यहां अकालियों की सरकार होती.
मोइली बोले- हार का बहाना ढूंढ़ रही कांग्रेस
इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करने को पराजित मानसिकता करार दिया था. मोइली ने कहा कि यह सभी सिर्फ क्षेत्रीय दलों की लोकलुभावन कोशिश है, हमारी पार्टी भी इसमें साथ जुड़कर हार के बहाने तलाश रही है. उन्होंने कहा कि जब मैं कानून मंत्री था, उस समय ईवीएम चलन में आए थे. उस समय भी इसको लेकर शिकायत आई थी, हमनें तब उसे सुलझा लिया था. यह सब पार्टी को पता है, अब जब ईवीएम के मुद्दे पर विरोध का माहौल है तो उसके साथ जुड़ जाना गलत है.
इससे पहले कांग्रेस के एक अन्य वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका को लेकर चुनाव आयोग से शिकायत करने को पराजित मानसिकता करार दिया था. मोइली ने कहा कि यह सभी सिर्फ क्षेत्रीय दलों की लोकलुभावन कोशिश है, हमारी पार्टी भी इसमें साथ जुड़कर हार के बहाने तलाश रही है. उन्होंने कहा कि जब मैं कानून मंत्री था, उस समय ईवीएम चलन में आए थे. उस समय भी इसको लेकर शिकायत आई थी, हमनें तब उसे सुलझा लिया था. यह सब पार्टी को पता है, अब जब ईवीएम के मुद्दे पर विरोध का माहौल है तो उसके साथ जुड़ जाना गलत है.
कांग्रेस ने बताया मोइली का व्यक्तिगत विचार
यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे मोइली ने कहा कि कांग्रेस को याचिका दायर करने में शामिल नहीं होना चाहिए था, हमसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई. सिर्फ मुद्दा गर्म है इस कारण ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की बड़ी भूल है. हालांकि मोइली के इस बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह पार्टी का नहीं, बल्कि उनका व्यक्तिगत विचार है.
यूपीए सरकार में कानून मंत्री रहे मोइली ने कहा कि कांग्रेस को याचिका दायर करने में शामिल नहीं होना चाहिए था, हमसे इस बारे में कोई सलाह नहीं ली गई. सिर्फ मुद्दा गर्म है इस कारण ईवीएम का विरोध करना कांग्रेस की बड़ी भूल है. हालांकि मोइली के इस बयान से कांग्रेस ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह पार्टी का नहीं, बल्कि उनका व्यक्तिगत विचार है.
बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर आशंकाओं से जुड़ा एक ज्ञापन देने आए वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद से जब संवाददाताओं ने ईवीएम को लेकर मोइली के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी, तो उन्होंने कहा , 'मैं आपको बताना चाहता हूं कि कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष इस बात पर एकमत है कि ईवीएम कुछ गड़बड है. इसीलिए हम चुनाव आयोग के पास गए. हमने राष्ट्रपति को आज जो ज्ञापन दिया है, उसमें भी ईवीएम के बारे में जिक्र किया गया है.
कांग्रेस ने किया EVM में गड़बड़ी के सबूत का दावा
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने साथ कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने इस बारे में कुछ कहा है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उन्होंने वह अपनी व्यक्तिगत हैसियत से कहा है. यह उनके विचार हैं, पार्टी के नहीं हैं. आजाद ने कहा, उन्हें (मोइली को) शायद जानकारी नहीं है कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ हुई है. महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह गड़बड़ी हुई. हमारे पास ठोस सबूत हैं. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर हम 16 पार्टियां चुनाव आयोग से मिले. हमने ठोस सबूत दिए. चुनाव आयोग अगर संतुष्ट नहीं होता तो वह यह नहीं कहता कि हम इसकी जांच करेंगे और इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने साथ कहा कि अगर किसी व्यक्ति ने इस बारे में कुछ कहा है तो मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि उन्होंने वह अपनी व्यक्तिगत हैसियत से कहा है. यह उनके विचार हैं, पार्टी के नहीं हैं. आजाद ने कहा, उन्हें (मोइली को) शायद जानकारी नहीं है कि हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि ईवीएम में गड़बड़ हुई है. महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में यह गड़बड़ी हुई. हमारे पास ठोस सबूत हैं. उन्होंने कहा कि इसी को लेकर हम 16 पार्टियां चुनाव आयोग से मिले. हमने ठोस सबूत दिए. चुनाव आयोग अगर संतुष्ट नहीं होता तो वह यह नहीं कहता कि हम इसकी जांच करेंगे और इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे.
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