नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के करीब 4 करोड़ अंशधारकों के लिए अच्छी खबर है. अब वे अपने ईपीएफ खाते से मकान खरीदने के लिए अग्रिम भुगतान (डाउन पेमेंट) और ईएमआई का भुगतान कर सकते हैं. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के अंशधारक मकान खरीदने के लिए पीएफ खाते में जमा राशि में 90 प्रतिशत निकाल सकते हैं.
हालांकि पीएफ खाते से निकासी सुविधा उन्हीं सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी, जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों. अगर सदस्य इस प्रावधान का उपयोग करने के लिए आवेदन देता है तो इसके लिये जरूर है कि उसने कम-से-कम तीन साल कोष में योगदान किया हो. यह सुविधा एक ही बार मिलेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में नया पैराग्राफ 68 बीडी जोड़ा है, ताकि अंशधारक मकान खरीदने के लिए ईपीएफ खाते से डाउन पेमेंट कर सके और ईएमआई का भुगतान कर सके.
अधिकारी ने कहा कि चूंकि श्रम मंत्रालय ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है, ऐसे में योजना में संशोधन हो गया है. नए प्रावधान के तहत ईपीएफ अंशधारक कम-से-कम 10 सदस्यों वाले सहकारी या हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य के रूप में मकान या फ्लैट खरीदने अथवा मकान बनवाने और जगह खरीदने के लिए ईपीएफ खाते में जमा अपनी राशि में से 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं.
इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि बकाये राशि या ब्याज के भुगतान के लिए मासिक किस्त का भुगतान राशि से संबंधित बैंक या अन्य कर्ज देने वाली एजेंसी को की जा सकती है.सभार NDTV
हालांकि पीएफ खाते से निकासी सुविधा उन्हीं सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी, जो निर्धारित शर्तों को पूरा करते हों. अगर सदस्य इस प्रावधान का उपयोग करने के लिए आवेदन देता है तो इसके लिये जरूर है कि उसने कम-से-कम तीन साल कोष में योगदान किया हो. यह सुविधा एक ही बार मिलेगी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ईपीएफओ ने कर्मचारी भविष्य निधि योजना, 1952 में नया पैराग्राफ 68 बीडी जोड़ा है, ताकि अंशधारक मकान खरीदने के लिए ईपीएफ खाते से डाउन पेमेंट कर सके और ईएमआई का भुगतान कर सके.
अधिकारी ने कहा कि चूंकि श्रम मंत्रालय ने इस संदर्भ में अधिसूचना जारी की है, ऐसे में योजना में संशोधन हो गया है. नए प्रावधान के तहत ईपीएफ अंशधारक कम-से-कम 10 सदस्यों वाले सहकारी या हाउसिंग सोसाइटी के सदस्य के रूप में मकान या फ्लैट खरीदने अथवा मकान बनवाने और जगह खरीदने के लिए ईपीएफ खाते में जमा अपनी राशि में से 90 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं.
इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि बकाये राशि या ब्याज के भुगतान के लिए मासिक किस्त का भुगतान राशि से संबंधित बैंक या अन्य कर्ज देने वाली एजेंसी को की जा सकती है.सभार NDTV
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