सिटी रिपाेर्टर: दीपांश श्रोती
भाेपाल। कान्हानेशनल पार्क का राजा टी-17 अाैर पर्यटकाें के बीच मुन्ना के नाम से सबसे ज्यादा मशहूर रहा बाघ अब वन िवहार नेशनल पार्क की शान बनेगा। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने कान्हा पार्क प्रबंधन काे मुन्ना काे वन विहार भेजने का अादेश दिया। मुख्यालय ने यह निर्णय इसलिए लिया कि जंगल के हिसाब से वह बूढ़ा हाे चुका है। उसके इलाके में युवा बाघाें का मूवमेंट था। जिससे टेरेटरीज फाइट की वजह से उसकी माैत हाेने का डर था। उसने एक वृद्ध व्यक्ति का शिकार किया था। मुन्ना काे जंगल में ट्रेक करने के लिए कई दिनाें से टीम लगी थी। उसे हाथी अाैर महावताें की टीम ने उसे मंगलवार काे ट्रेक कर लिया।
मुन्ना काे बुधवार काे बम्हनी परिक्षेत्र में ट्रेक करते हुए उसे बेहाेश कर वन विहार के लिए रवाना कर दिया गया। मुन्ना अब सुबह तक वन विहार पहुंच जाएगा। वन िवहार प्रबंधन ने उसके लिए ऊपर विशेष बाड़ा तैयार किया है। वन विहार की डायरेक्टर कमालिका माेहंता ने बताया कि मुन्ना काे हाउसिंग में छाेड़ने से पहले उसका स्वस्थ परीक्षण किया जाएगा।
इसलिए है खास मुन्ना
बाघ मुन्ना दबंग, खूंखार और अपनी विशेष किस्म की शारीरिक बनावट और चाल ढाल की अलग शैली की है। इसलिए इसने देशी और विदेशी पर्यटकों के दिल में अलग जगह बनाई है। केवल पर्यटक मुन्ना को देखने लालायित रहते थे। सबसे खास बात ताे यह है कि मुन्ना के माथे पर कुदरती रूप से इंग्लिश का कैट CAT लिखा हुआ है, जिसे बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। जंगल में जहां बाघ की अाैसतन उम्र 12-13 साल हाेती है। वह 16 साल की उम्र का हाेने के बावजूद जंगल में सर्वाइव कर रहा था। यह स्थिति तब है जब बाघ मुन्ना के शिकार करने वाले केनाइन दांत टूट चुके हैं। इसके बावजूद वह छाेटे वन्य प्राणियाें का शिकार करके जीवन यापन कर रहा है। सबसे खास बात केनाइन दांत टूटने अाैर उसके इलाके में युवा बाघाें का मूवमेंट के बाद भी वह टेरेटरीज फाइट से बचता रहा।
मुन्ना काे नहीं देखा ताे कान्हा नेशनल पार्क की सफारी बेकार
मुन्ना नामक यह बाघ पर्यटकों से काफी फ्रेंडली था। पर्यटकों को देख वह उनके सामने ही बैठ जाता था। पर्यटकों का मुन्ना से भावनात्मक लगाव था। ज्यादातर पर्यटक कान्हा नेशनल पार्क सिर्फ मुन्ना को ही देखने पहुंचते है। एेसा माना जाता था कि मुन्ना पर्यटकाें काे बेहतर इंटरटेन करता था। कान्हा के गाइड अाैर नेचुरालाॅजिस्ट के माने ताे जिस पर्यटक ने कान्हा नेशनल पार्क का बाघ मुन्ना नहीं देखा तो फिर उसने सफारी नहीं की।
Deepansh shroti
भाेपाल। कान्हानेशनल पार्क का राजा टी-17 अाैर पर्यटकाें के बीच मुन्ना के नाम से सबसे ज्यादा मशहूर रहा बाघ अब वन िवहार नेशनल पार्क की शान बनेगा। वाइल्ड लाइफ मुख्यालय ने कान्हा पार्क प्रबंधन काे मुन्ना काे वन विहार भेजने का अादेश दिया। मुख्यालय ने यह निर्णय इसलिए लिया कि जंगल के हिसाब से वह बूढ़ा हाे चुका है। उसके इलाके में युवा बाघाें का मूवमेंट था। जिससे टेरेटरीज फाइट की वजह से उसकी माैत हाेने का डर था। उसने एक वृद्ध व्यक्ति का शिकार किया था। मुन्ना काे जंगल में ट्रेक करने के लिए कई दिनाें से टीम लगी थी। उसे हाथी अाैर महावताें की टीम ने उसे मंगलवार काे ट्रेक कर लिया।
मुन्ना काे बुधवार काे बम्हनी परिक्षेत्र में ट्रेक करते हुए उसे बेहाेश कर वन विहार के लिए रवाना कर दिया गया। मुन्ना अब सुबह तक वन विहार पहुंच जाएगा। वन िवहार प्रबंधन ने उसके लिए ऊपर विशेष बाड़ा तैयार किया है। वन विहार की डायरेक्टर कमालिका माेहंता ने बताया कि मुन्ना काे हाउसिंग में छाेड़ने से पहले उसका स्वस्थ परीक्षण किया जाएगा।
इसलिए है खास मुन्ना
बाघ मुन्ना दबंग, खूंखार और अपनी विशेष किस्म की शारीरिक बनावट और चाल ढाल की अलग शैली की है। इसलिए इसने देशी और विदेशी पर्यटकों के दिल में अलग जगह बनाई है। केवल पर्यटक मुन्ना को देखने लालायित रहते थे। सबसे खास बात ताे यह है कि मुन्ना के माथे पर कुदरती रूप से इंग्लिश का कैट CAT लिखा हुआ है, जिसे बड़ी आसानी से देखा जा सकता है। जंगल में जहां बाघ की अाैसतन उम्र 12-13 साल हाेती है। वह 16 साल की उम्र का हाेने के बावजूद जंगल में सर्वाइव कर रहा था। यह स्थिति तब है जब बाघ मुन्ना के शिकार करने वाले केनाइन दांत टूट चुके हैं। इसके बावजूद वह छाेटे वन्य प्राणियाें का शिकार करके जीवन यापन कर रहा है। सबसे खास बात केनाइन दांत टूटने अाैर उसके इलाके में युवा बाघाें का मूवमेंट के बाद भी वह टेरेटरीज फाइट से बचता रहा।
मुन्ना काे नहीं देखा ताे कान्हा नेशनल पार्क की सफारी बेकार
मुन्ना नामक यह बाघ पर्यटकों से काफी फ्रेंडली था। पर्यटकों को देख वह उनके सामने ही बैठ जाता था। पर्यटकों का मुन्ना से भावनात्मक लगाव था। ज्यादातर पर्यटक कान्हा नेशनल पार्क सिर्फ मुन्ना को ही देखने पहुंचते है। एेसा माना जाता था कि मुन्ना पर्यटकाें काे बेहतर इंटरटेन करता था। कान्हा के गाइड अाैर नेचुरालाॅजिस्ट के माने ताे जिस पर्यटक ने कान्हा नेशनल पार्क का बाघ मुन्ना नहीं देखा तो फिर उसने सफारी नहीं की।
Deepansh shroti
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